What is Virus With Full Information in Hindi?

आज के समय में जिस तरह से एक शब्द इन्टरनेट और सोशल मीडिया सबसे ज्यादा सर्च हो रहा हैं जिसका नाम Virus हैं। क्युकी इस समय में जिस तरह से कोरोना Virus पूरी दुनिया में फेला हैं और बहुत बड़ी महामारी बन गया हैं और पूरी दुनिया को डरा दिया तो ऐसे में लोगो के मन में ये सवाल घर कर गया हैं की ये वायरस एसी क्या चीज हैं जो लोगो की जान तक ले लेता हैं इसीलिए आज हम इस आर्टिकल के जरिये हम आपको ये वायरस क्या होता हैं? Virus कितने प्रकार के होते हैं और वो हमारे शरीर पर कैसे अटैक करता हैं? और इससे बचाव कैसे करे? इसके बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं इसीलिए इस पोस्ट को पूरा जरुर पढ़े  तो चलिए शरु करते हैं।

और सबसे पहले जानते हैं की Virus क्या हैं?

Virus बहुत ही छोटे रोगाणु या विषाणु होते हैं, जो प्रोटीन की खोल के अंदर Genetic Material से बने होते हैं और ये वायरस का Genetic Material एक RNA या DNA के रूप में हो सकता हैं, जो की आम तोर पर  Protein, Lipid And Glycoprotein की खोल के चारो तरफ घिरे हुए रहते हैं या तो तीनो का थोडा-थोडा संयोजन होता हैं। वायरस किसी भी जानवर, पौधे या बैक्टीरिया को संक्रमित कर सकता है और अक्सर बहुत गंभीर और प्राणघातक बीमारियों का कारण भी बनता है।

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Virus कैसे काम करता हैं?

कोई वायरस किसी भी जीवित सेल की सहायता के बिना वृद्धि नहीं कर सकता है लेकिन फिर भी

वे फैल सकते हैं, वायरस में स्वयं प्रजनन की क्षमता नहीं होती है और इसलिए इसे सामान्य जीवित जीवों जैसा नहीं माना जाता है। और इसे मृत और जीवित दोनों अवस्था में पाया जाता हैं। वायरस एक ठग की तरह होते हैं। वे सिर्फ जीवित कोशिकाओं पर ही आक्रमण करते हैं और उन कोशिकाओं का उपयोग करके अपने जैसे अन्य वायरस की संख्या बढ़ा लेते हैं। वायरस कोशिकाओं को मार सकते हैं और कोशिकाओ क्षति भी पहुंचा सकते हैं या बदल सकते हैं और आपको बीमार कर सकते हैं। विभिन्न प्रकार के वायरस आपके शरीर में कुछ अंगो की कोशिकाओ जैसे आपके लिवर, श्वसन तंत्र या खून पर हमला करते हैं।

जैसे की कुछ प्रसिद्ध वायरस में ह्यूमन इम्यूनो डेफिशियेंसी वायरस (एचआईवी) जो एड्स का कारण बनता है, हर्पीस सिम्पलेक्स वायरस, जो ठंडे घावों, चेचक, मल्टीपल स्क्लेरोसिस का कारण बनता है और ह्यूमन पेपिलोमा वायरस जो अब वयस्क महिलाओं में गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर का एक प्रमुख कारण माना जाता है, और इस समय कोरोना (COVID 19) जो हमारे लीवर पर हमला करता हैं और आम सर्दी जुकाम भी वायरस के कारण होता है। और आज अभी भी नए-नए विषाणुओं (Virus) की उत्पत्ति का मुद्दा रहस्य से घिरा हुआ है, इन वायरस या विषाणु के कारण होने वाली बीमारियां और उन्हें ठीक करने के तरीके अभी भी विकास के शुरुआती चरणों में ही हैं। वायरस बेहद छोटे होते हैं और व्यास में लगभग 20 – 400 नैनोमीटर तक के होते हैं। मिमिवायरस के रूप में जाना जाने वाला सबसे बड़ा वायरस 500 नैनोमीटर के व्यास तक का होता है।

Virus क्या हैं? ये जानने के बाद अब जानते हैं Virus कितने प्रकार का होता हैं?

वायरस को उसके होस्ट के प्रकार के आधार पर वर्गीकृत किया जाता है। इसी आधार पर होम्स ने 1948 में वायरस को तीन समूहों में विभाजित किया था। जो इस प्रकार हैं :

  1. एनिमल वायरस

इस प्रकार का वायरस मनुष्य सहित पशुओं की कोशिका को संक्रमित करते हैं इसीलिए इन्हें एनिमल वायरस कहा जाता है। जैसे की इन्फ्लूएंजा वायरस, रैबीज वायरस, मम्प्स वायरस (जिससे गलसुआ रोग होता है), पोलियो वायरस, स्माल पॉक्स वायरस, हेपेटाइटिस वायरस, राइनो वायरस (सामान्य सर्दी जुकाम वाला वायरस) आदि। इनका Genetic Material आरएनए या डीएनए होता है।

  1. प्लांट वायरस

इस प्रकार का वायरस पौधों को संक्रमित करता हैं इसिलए इस वायरस को प्लांट वायरस कहा जाता है। उनका Genetic Material सिर्फ आरएनए होता है जो प्रोटीन की खोल में रहता है। उदाहरण के लिए, तंबाकू मोजेक वायरस, Potato Virus (आलू विषाणु), बनाना बंची टॉप वायरस, टोमॅटो येलो लिफ कर्ल वायरस (टमाटर की पत्ती ), बीट येलो वायरस और टर्निप येलो वायरस इत्यादि हैं।

  1. बैक्टीरियोफेज

इस प्रकार के Virus जो जीवाणु या बैक्टीरिया की कोशिकाओं को संक्रमित करते हैं उन्हें बैक्टीरियोफेज या बैक्टीरिया खाने वाले वायरस के रूप में जाना जाता है। उनमें Genetic Material के रूप में सिर्फ डीएनए होता है। बैक्टीरियोफेज की कई किस्में होती हैं। आम तौर पर, प्रत्येक प्रकार का बैक्टीरियोफेज केवल एक प्रजाति या बैक्टीरिया के केवल एक ही स्ट्रेन पर हमला करता है।

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और अब जानते हैं की ये वायरस कैसे फैलता है?

वायरस पर्यावरण से या अन्य व्यक्तियों के माध्यम से मिट्टी से पानी में या हवा में पहुंच कर नाक, मुंह या त्वचा में किसी भी माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं और संक्रमित करने के लिए किसी कोशिका की तलाश करते हैं। जैसे की सर्दी जुकाम या फ्लू का विषाणु उन कोशिकाओं को पर हमला करता है जो श्वसन यानी फेफड़ों या पाचन नली यानी पेट में होती हैं। एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशियेंसी वायरस) जो एड्स का कारण होता है, हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली की टी-कोशिकाओं जो एक प्रकार की सफेद रक्त कोशिकाएं जो संक्रमण और बीमारी से लड़ती हैं उस भी पर हमला करता है।

वायरस का संक्रमण मूल रूप से मनुष्यों में एक ही तरह से फैलते हैं:

  1. जिस व्यक्ति को सर्दी जुकाम है और वो व्यक्ति खांसता या छींकता हैं तो  वायरस संक्रमण फैलता है।
  2. वायरस किसी अन्य व्यक्ति के हाथ जो किसी भी प्रकार के वायरस से सक्रमित हो तो उसको छूने या हाथ मिलाने से फैलता है।
  3. यदि कोई व्यक्ति गंदे हाथों से भोजन को छूता है और खाना खता हैं तो वायरस आंत में भी फैलता है।
  4. शरीर के अंदर तरल पदार्थ जैसे कि खून, लार और वीर्य और ऐसे ही अन्य तरल पदार्थों के इंजेक्शन या यौन संपर्क द्वारा वायरस, विशेष रूप से हेपेटाइटिस या एड्स जैसे वायरल संक्रमण अन्य व्यक्तियों में फैलता हैं।

और अब हम वायरस से होने वाली बीमारियो के बारे में थोडा जान लेते हैं

वायरस Multicellular यानि एक से अधिक कोशिका वाले जीव में बीमारियों का कारण बनता है। इंसानों में वायरस के कारण कई प्रकार के रोग हो सकते हैं जैसे:

  • कोरोना (COVID 19)
  • चेचक
  • AIDS
  • सामान्य सर्दी जुकाम
  • चिकन पॉक्स
  • Plague
  • इन्फ्लूएंजा
  • जेनाइटल हर्पीस
  • मीजल्स
  • पोलियो
  • रेबीज
  • इबोला हेमोरेजिक बुखार

और यहां तक ​​कि कुछ प्रकार के कैंसर भी वायरस से जुड़े हुए हैं। कुछ मामलों में यह भी निर्धारित करना मुश्किल हो सकता है कि आपके लक्षण का कारण बैक्टीरिया है या वायरस। कई बीमारियां से निमोनिया, मेनिनजाइटिस और दस्त या तो बैक्टीरिया या वायरस के कारण हो सकती हैं। जानवरों को प्रभावित करने वाली वायरल बीमारिया भी वायरस के कारण होती हैं जैसे रेबीज, मुंहपका-खुरपका रोग, बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू भी शामिल हैं। पौधों की बीमारियों में मोज़ेक रोग, रिंग स्पॉट, लीफ कर्ल और लीफ रोल रोग शामिल हैं।

और अब जानते हैं वायरस से बचने के लीये क्या करे?

जब भी कोई वायरस हमारे शरीर में प्रवेश करता है, तो हम हमेशा बीमार नहीं होते बल्कि कई बार हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली इस वायरस से लड़ने में सक्षम होती है। अगर आपको कोई वायरल संक्रमण हुआ है, तो इसके कारण होने वाली विभिन्न स्थितियों का पता करने में सहायता के लिए एक इम्यूनोग्लोबुलिन ब्लड टेस्ट किया जाता है। ज्यादातर वायरल संक्रमणों के मामलो में इलाज केवल लक्षणों को कम करने में ही मदद करता है, इसीलिए आप केवल अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली के माध्यम से वायरस से लड़ने की प्रतीक्षा कर सकते हैं। एंटीबायोटिक्स वायरल संक्रमण के लिए काम नहीं करते हैं। कुछ वायरल संक्रमणों के इलाज के लिए एंटी वायरल दवाएं दी जाती हैं। लेकिन ज्यादातर मामलो में हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) से लड़ कर वायरस के बचा जा सकता हैं।

लकिन कुछ टिके भी उपलब्ध हैं जो आपको कई वायरल बीमारियों से बचाने में मदद कर सकते हैं। स्माल पॉक्स जैसे कुछ प्रकार के वायरल संक्रमणों को रोकने में टीका काफी प्रभावी रहा है। टिका शरीर को विशिष्ट प्रकार के वायरस के खिलाफ प्रतिरक्षा प्रणाली को लड़ने में मदद करके काम करता है। और हल ही में कई प्रकार की नई एंटीवायरल दवाएं विकसित की जा रही है, जो वायरस को शरीर में ज्यादा फेलने से रोकती है लेकिन दुर्भाग्यवश, इन उपचारों का उपयोग अभी भी बहुत कम वायरस पर उपयोग किया जा सकता है और इनकी प्रभाव अभी भी बहुत सीमित हैं।

इन तरिको से आप वायरस से आप बच सकते हैं:

  • जब भी आप भोजन बनाये या खाये उससे से पहले अपने हाथों को अक्सर साफ करें और बाथरूम का उपयोग करने या डायपर बदलने के बाद अपनी आंखों, नाक या मुंह को छूने से बचें तथा हाथों को अच्छे से साफ करें और शरीर का भी Hygiene करके ध्यान रखे।
  • जब आप छींकते हैं या खांसते हैं तो आप अपने मुंह और नाक पर हाथ की बजाय अपनी कोहनी को रखें।
  • हाथ धोना वायरस को रोकने का सबसे प्रभावी और सबसे अधिक अनदेखा किया जाने वाला तरीका है। लकिन साबुन और पानी वायरस को मारने का काम करते हैं। कम से कम 20 सेकंड तक अपने हाथ धोएं और अपने दोनों हाथों को आपस में अच्छे से रगड़ें और साफ़ करे। डिस्पोजेबल हैंड वाइप्स या जेल सैनिटाइजर्स भी अच्छा काम करते हैं।

और हमें उम्मीद हैं की इस आर्टिकल से आपको वायरस क्या हैं? ये कितने प्रकार का होता हैं और ये की तरह से फेलता हैं? इससे जुडी सारी जानकारी आपको मिल गयी होंगी अगर आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया हो

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धन्यवाद!!!!

 

10 COMMENTS

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