हमारे यूनिवर्स से जुड़ी कुछ बातें समझना हमारे लिए अब आसान है.. जैसे चाँद तारों का निकलना, सूरज का अस्त होना, आकाशगंगा का दिखना और ग्रहों का चमकना.. लेकिन इसके अलावा भी हमारे यूनिवर्स में ऐसा बहुत कुछ है जिसकी खोज भले ही कर ली गयी है लेकिन उसे समझना और समझा पाना अभी तक आसान नहीं हुआ है। ऐसा ही एक फील्ड ऑफ Confusion है क्वांटम फिजिक्स, जिसका इस्तेमाल हमारी डेली लाइफ में होता है और ब्रह्माण्ड में भी लगातार इसका उपयोग होता रहता है लेकिन इसे एक्सप्लेन कर पाना अभी तक काफी मुश्किल ही समझा जाता है लेकिन अगर आप फिजिक्स में इंटरेस्ट रखते हैं और यूनिवर्स के इस मुश्किल लगने वाले टॉपिक के बारे में जानना चाहते हैं तो आज के पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े क्योंकि आज क्विक सपोर्ट आपके लिए लेकर आया है क्वांटम फिजिक्स से जुड़ी पूरी और आसान जानकारी, जिसे पढने के बाद आपके लिए क्वांटम फिजिक्स एक unsolved गुत्थी नहीं रह जाएगी।
तो चलिए, शुरू करते हैं और सबसे पहले जानते हैं कि क्वांटम फिजिक्स क्या है ?
क्वांटम फिजिक्स, फिजिक्स का वो पार्ट है जिसमें बहुत ही स्मॉल पार्टिकल्स जैसे मॉलिक्यूल्स, Atoms, इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन जैसे सबएटॉमिक पार्टिकल्सको Describe किया जाता है। क्वांटम फिजिक्स 20वीं शताब्दी का सबसे इम्पोर्टेन्ट और इंटरेस्टिंग सिद्धांत था। इसे क्वांटम मैकेनिक्स और क्वांटम फील्ड थ्योरी भी कहा जाता है।
और अब जानते हैं की क्वांटम फिजिक्स की खोज कब और कैसे हुयी ?
14 दिसंबर 1900 को मैक्स प्लांक ने क्वांटम फिजिक्स की नींव डाली थी। उन्होंने blackbody radiation पर रिसर्च करके ये परिकल्पना दी कि प्रकाश और अन्य विद्युत चुम्बकीय विकिरण, ऊर्जा का सतत प्रवाह ना होकर ऊर्जा के छोटे छोटे पैकेट के रूप में चलता है। क्वांटम फिजिक्स को स्थापित करने के लिए प्लान्क को नोबेल प्राइस से सम्मानित भी किया गया। इस हाइपोथिसिस ने फिजिक्स वर्ल्ड में तहलका मचा दिया और इसी हाइपोथीसिस का इस्तेमाल करके ही आइंस्टीन ने प्रकाश विद्युत प्रभाव एक्सप्लेन किया था।
और अब जानते हैं क्वांटा क्या है ?
मैक्स प्लान्क द्वारा बताये गए ऊर्जा के छोटे छोटे पैकेट्स को क्वांटा कहते हैं। हर क्वांटा की ऊर्जा निश्चित होती है और केवल प्रकाश की आवृत्ति पर निर्भर करती है। इसका फार्मूला था -E =hv.. जहाँ h प्लांक नियतांक तथा ν आवृत्ति है.
क्वांटम फिजिक्स हमारी डेली लाइफ में किस तरह यूज होती है ?
हमारे चारों और जो कुछ भी घटित होता है उसमें क्वांटम फिजिक्स का हाथ होता है।
- जिस टोस्टर में आप ब्रेड सेंकते हैं वो क्वांटम फिजिक्स की बदौलत ही बन पाया है।
- पूरा कंप्यूटर वर्ल्ड क्वांटम फिजिक्स पर ही बेस्ड है यानी अगर क्वांटम फिजिक्स की खोज ना होती और साइंटिस्ट्स ने इसे समझा ना होता तो आज हमारे पास कंप्यूटर नहीं होते।
- मोबाइल फोन भी क्वांटम फिजिक्स की ही देन हैं।
- ट्रांजिस्टर,माइक्रोस्कोप और लेज़र भी क्वांटम फिजिक्स की बदौलत ही हमारे पास हैं।
- डिजिटल कैमरा और लाइट इमिटिंग डायोड (LED) भी क्वांटम फिजिक्स से रिलेटेड हैं।
- टेलीकम्यूनिकेशन को आसान बनाने में भी क्वांटम फिजिक्स का ही हाथ है।
- आज की जरुरत बन चुके GPS (Global Positioning System )को भी क्वांटम फिजिक्स ने ही इजात किया है।
- Magnetic Resonance Imaging (MRI) भी क्वांटम फिजिक्स की बदौलत ही पॉसिबल हो पायी है।
- Nuclear power plant भी क्वांटम फिजिक्स की देन है।
इतने सारे इम्पोर्टेन्ट इन्वेंशंस के पीछे क्वांटम फिजिक्स है, ये जानने के बाद आप समझ गए होंगे कि क्वांटम फिजिक्स हमारी लाइफ में बहुत ही इम्पोर्टेन्ट रोल प्ले करती है।
और अब जानते हैं क्वांटम फिजिक्स से जुड़े इम्पॉर्टेंट कॉन्सेप्ट्स कौन-कौन से हैं ?
कांसेप्ट 1 – Dual Nature –
यूनिवर्स में सब कुछ.. पार्टिकल और वेव रूप में होता है यानी ब्रह्माण्ड की हर चीज़ एक ही समय में कण और तरंग रूप में रहती है। इसका अर्थ ये है की क्वांटम फिजिक्स के अनुसार, यूनिवर्स की हर वस्तु में कुछ गुण पार्टिकल्स के होते हैं और कुछ गुण वेव्स के। इस तरह हर वस्तु एक ही समय में कण और तरंग के रुप में दिखाई देती है यानी क्वांटम पार्टिकल इलेक्ट्रॉन.. एक ही समय में कण भी है और तरंग भी।
कांसेप्ट 2 – Uncertainty and Probability –
Uncertainty और Probability क्वांटम फिजिक्स का बहुत इम्पोर्टेन्ट पार्ट है। क्वांटम वर्ल्ड में बहुत छोटे पार्टिकल्स पाए जाते हैं यानी atoms, इलेक्ट्रॉन और फोटोन जैसे पार्टिकल्स और इस वर्ल्ड में किसी भी घटना के होने की सम्भावना यानी प्रोबेबिलिटी 100% नहीं होती है यानी कभी भी कोई भी घटना हो सकती है। इसके अलावा क्वांटम पार्टिकल्स की सही लोकेशन जानना भी पॉसिबल नहीं होता है यानी कब कौन सा पार्टिकल किस सिचुएशन में होगा, ये surety के साथ नहीं जाना जा सकता है यानी पार्टिकल्स की सिचुएशन और लोकेशन अनसर्टेन बनी रहती है।
कांसेप्ट 3 – Quantum Entanglement –
क्वांटम एन्टेंगल्ड पार्टिकल्स ऐसे पार्टिकल्स होते हैं जिनकी प्रॉपर्टीज आपस में उलझी (Entangled) होती है। ऐसे में जब एक पार्टिकल पर कोई भी क्रिया की जाती है तो दूसरा पार्टिकल भी उस क्रिया से अफेक्ट होता है। दो पार्टिकल्स के बीच डिस्टेंस बढ़ा देने के बाद भी ये क्रिया बनी रहती है। इसका प्रभाव इतना ज्यादा होता है कि अगर 2 entangled पार्टिकल्स.. 2 अलग अलग प्लैनेट्स पर भी हो तो भी एक पार्टिकल पर क्रिया करने पर दूसरा पार्टिकल प्रभावित जरूर होगा।
इतनी जटिल और अनदेखी सी दुनिया है क्वांटम फिजिक्स की.. जिसे एक्सेप्ट करना मुश्किल लगता है और ग्रेट साइंटिस्ट आइंस्टीन के लिए भी इसे एक्सेप्ट करना आसान नहीं रहा था। लेकिन साइंटिस्ट्स के अनुसार.. ये दुनिया असल में एक्सिस्ट करती है और इससे जुड़े जितने भी एक्सपेरिमेंट्स किये जाते हैं, उनका रिस्पांस भी मिलता है और हमारी डेली लाइफ में इस क्वांटम वर्ल्ड की कितनी इम्पोर्टेंस है ये तो आप जान ही गए हैं क्योंकि जिस फोन या पीसी में आप ये वीडियो देख पा रहे हैं.. वो भी तो इस क्वांटम फिजिक्स की ही देन है।
तो दोस्तों, क्विक सपोर्ट को उम्मीद है कि क्वांटम फिजिक्स क्या है और हमारी लाइफ को ये किस तरह अफेक्ट करती है। इस तरह के सभी सवालों के जवाब आपको इस पोस्ट में मिल गए होंगे और इस जानकारी को समझ पाना आपके लिए आसान भी साबित होगा और फायदेमंद भी।
आगे भी ऐसी ही इनोवेटिव और इंटरेस्टिंग जानकारियां लेने के लिए हमारे वेबसाइट को विजिट करे ताकि हर नयी और इनोवेटिव जानकारी सबसे पहले आप तक पहुचें। धन्यवाद !!!!
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